• All
  • ARTIFICIAL INTELLIGENCE
  • CAREER
  • Chemistry
  • CTET
  • CURRENT AFFAIRS
  • EDUCATION
  • EXAMS
  • FINANCE
  • General
  • GOVERNMENT JOBS
  • MATHEMATICS
  • NEWS
  • Physics
  • stock market
  • SYLLABUS
  • TECHNOLOGY

~A R Rahman~ एक बच्चा, जिसके मां-बाप ने उसका नाम दिलीप चंद्रशेखर रखा. 8 वर्ष की छोटी उम्र में उसने अपने संगीतकार पिता को खो दिया. परिवार आर्थिक तं गी के दौर से गुजरने लगा. उस बच्चे को बचपन से विरासत में मिली संगीत से बेहद प्यार था. तब किसे पता था कि इसका यह प्यार वह रंग दिखाएगा, जो बड़े से बड़ा संगीतकार आज तक नहीं कर सके. खैर, गरीबी की वजह से किसी तरह संगीत के वाद्य यंत्र किराए पे देकर गुजर बसर किए. जीवन के उस बुरे दौर में उसकी बहन को एक गंभीर बीमारी ने घेर लिया, डॉक्टरों का इलाज भी काम नहीं कर रहा था. तभी दिलीप शेखर की मां एक सूफी फकीर से मिलीं. उस फकीर की दुआ से रहमान की बहन ठीक हो गईं. उसके बाद रहमान का सूफियों के दरगाहों और इस्लाम के प्रति आस्था काफी बढ़ गई. साल 1989 में 23 साल की उम्र में दिलीप ने इस्लाम क बू ल कर अपना नाम रहमान रख लिया. उनकी मां भी उनके इस फैसले से काफी खुश थीं और उनके नाम में अल्लाह भी जोड़ना चाहती थीं. सो मां का मन रखते हुए रहमान बन गए अल्लाह रख्खा रहमान. जिन्हें हम संगीतकार ए. आर रहमान के नाम से जानते हैं, जो संगीत की दुनिया में बेमिसाल हैं, बकमाल हैं. जिन्होंने भारत को रिप्रेजेंट करते हुए विदेशों में भी अपने झंडे गा ड़े. आप देश का गुरुर हो लीजेंड. आपको यौमे पैदाइश की दिली मुबारकबाद ❤️🎉 रहमान ने 1991 में पहली बार रहमान ने गाना रिकॉर्ड करना शुरू किया, लेकिन उनके करियर को उड़ान 1992 में आई फिल्म रोजा में संगीत देकर मिली. फिर ऐसा कमाल किया कि ‘गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड’ से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय बने. ए. आर. रहमान ऐसे पहले भारतीय हैं, जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फ़िल्म स्लम डॉग मिलेनियर में उनके सॉंग ‘जय हो’ के लिए तीन ऑस्कर सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक कंपाइलेशन और दो ‘ग्रैमी पुरस्कार’ मिले. इसके अलावा चार बार संगीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, 14 बार ‘फ़िल्मफेयर’ विजेता, पद्म श्री अवार्ड, मॉरीशस नेशनल अवॉर्ड्स, लारेंस ऑलीवर अवॉर्ड्स, और भी कई ख़िताब अपने नाम किए. ✍️- Copy #art #artist #arrahman #bollywood #music #musician #films

~A R Rahman~ एक बच्चा, जिसके मां-बाप ने उसका नाम दिलीप चंद्रशेखर रखा. 8 वर्ष की छोटी उम्र में उसने अपने संगीतकार पिता को खो दिया. परिवार आर्थिक तं गी के दौर से गुजरने लगा. उस बच्चे को बचपन से विरासत में मिली संगीत से बेहद प्यार था. तब किसे पता था कि इसका यह प्यार वह रंग दिखाएगा, जो बड़े से बड़ा संगीतकार आज तक नहीं कर सके. खैर, गरीबी की वजह से किसी तरह संगीत के वाद्य यंत्र किराए पे देकर गुजर बसर किए. जीवन के उस बुरे दौर में उसकी बहन को एक गंभीर बीमारी ने घेर लिया, डॉक्टरों का इलाज भी काम नहीं कर रहा था. तभी दिलीप शेखर की मां एक सूफी फकीर से मिलीं. उस फकीर की दुआ से रहमान की बहन ठीक हो गईं. उसके बाद रहमान का सूफियों के दरगाहों और इस्लाम के प्रति आस्था काफी बढ़ गई. साल 1989 में 23 साल की उम्र में दिलीप ने इस्लाम क बू ल कर अपना नाम रहमान रख लिया. उनकी मां भी उनके इस फैसले से काफी खुश थीं और उनके नाम में अल्लाह भी जोड़ना चाहती थीं. सो मां का मन रखते हुए रहमान बन गए अल्लाह रख्खा रहमान. जिन्हें हम संगीतकार ए. आर रहमान के नाम से जानते हैं, जो संगीत की दुनिया में बेमिसाल हैं, बकमाल हैं. जिन्होंने भारत को रिप्रेजेंट करते हुए विदेशों में भी अपने झंडे गा ड़े. आप देश का गुरुर हो लीजेंड. आपको यौमे पैदाइश की दिली मुबारकबाद ❤️🎉 रहमान ने 1991 में पहली बार रहमान ने गाना रिकॉर्ड करना शुरू किया, लेकिन उनके करियर को उड़ान 1992 में आई फिल्म रोजा में संगीत देकर मिली. फिर ऐसा कमाल किया कि ‘गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड’ से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय बने. ए. आर. रहमान ऐसे पहले भारतीय हैं, जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फ़िल्म स्लम डॉग मिलेनियर में उनके सॉंग ‘जय हो’ के लिए तीन ऑस्कर सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक कंपाइलेशन और दो ‘ग्रैमी पुरस्कार’ मिले. इसके अलावा चार बार संगीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, 14 बार ‘फ़िल्मफेयर’ विजेता, पद्म श्री अवार्ड, मॉरीशस नेशनल अवॉर्ड्स, लारेंस ऑलीवर अवॉर्ड्स, और भी कई ख़िताब अपने नाम किए. ✍️- Copy #art #artist #arrahman #bollywood #music #musician #films Read More »

Scroll to Top