Author name: supremetutorials

The owner of this student aid portal www.supremetutorials.in Mr, Aniket Gupta also well known as Vikrant Sir is a well educated and versed author and writer of technical topics. He is M.tech in computer science of Engineering and have interest in AI and ML things as per todays scenario. He has served in many Government organizations like RRB-JE,PGCIL,ISRO HSFC, as well as Associate professor in Government engineering college. They love to write on IOT(internet of things), Artificial Intelligence, Machinne learning, Data Science and other tech topics.

असली हीरो ये होते हैं ये है हॉलीवुड के सुपरस्टार हैं- “कियानू रीव्ज़” जो मेट्रिक्स सीरिज के हीरो है… जब ये 3 साल के थे तभी उनके सगे बाप ने उन्हें छोड़ दिया। 19 साल तक ये तीन अलग-अलग सौतेले पिता के साथ रहते हुए बड़े हुए। बचपन में वे डिसलेक्सिया नामक बीमारी पीड़ित थे। ये हॉकी खिलाड़ी थे मगर एक गंभीर दुर्घटना में चोटिल होने के बाद उनका हॉकी की नेशनल टीम का सपना चकनाचूर हो गया। उनकी एक ने बेटी जन्म लेते ही मर गई और उनकी पत्नी का कार एक्सीडेंट में निधन हो गया। उनके बचपन के बेस्ट फ्रेंड रिवर फ़ीनिक्स ड्रग ओवरडोज के कारण नहीं रहे और उनकी सगी बहन को ल्यूकेमिया हो गया। उनके साथ कोई बॉडीगार्ड नहीं रहता क्योकि वो किसी को परेशान नही करना चाहते उनका कोई लग्जरी घर नहीं। वे एक साधारण से अपार्टमेंट में रहते हैं और अक्सर न्यूयॉर्क में उन्हें सबवे में यात्रा करते हुए देखा जा सकता है। जब वह फिल्म लेक हाउस की शूटिंग कर रहे थे तो उन्होंने देखा कि उनका कॉस्टयूम असिस्टेंट किसी को रोते हुए बता रहा था कि अगर उसने पैसे नहीं चुकाए तो उसका घर हाथ से निकल जाएगातो रीव्ज़ ने चुपचाप 20000 डॉलर उसके अकाउंट में ट्रांसफर करा दिए… 1997 में कुछ पत्रकारों ने देखा कि सुबह-सुबह रीव्ज़ लॉस एंजिलस में किसी बेघर इंसान के साथ मॉर्निंग वॉक कर रहे थे, और कई घंटे तक वह उसकी बात सुनते रहे बाद मे पता चला की उस इंसान के बेटे की किडनी फेल हो चुकी थी और रीव्ज़ ने उस आदमी के बेटे को अपनी एक किडनी देने का वादा कर दिया है। अपने करियर में उन्होंने मेट्रिक्स सीरीज़ से कमाए हुए लगभग 75 मिलियन डॉलर की राशि इन्होंने चैरिटी में दान कर दी है। दूसरों की सबसे ज़्यादा मदद की चाह रखने वाला ये इंसान, देखने मे नही लगता की ये अंदर से बहुत टूटा और बिखरा हुआ है। यह व्यक्ति जो सब कुछ खरीद सकता है, सब कुछ अरेंज कर सकता है; लेकिन हर सुबह उठने के बाद ये आदमी घुमने के लिए वो जगह चुनता है जिस जगह को लोग आत्महत्या के लिये चुनते है….ये वैसी जगह पर जाता है! और वहां रोज कोई ना कोई इसे मिल ही जाता है जो तकलीफ मे है जीवन को नष्ट करना देना चाहते है…! कियानू रीव्ज़ उनके लिये जी रहा है….! सैल्यूट है इस महानायक को!!!!

असली हीरो ये होते हैं ये है हॉलीवुड के सुपरस्टार हैं- “कियानू रीव्ज़” जो मेट्रिक्स सीरिज के हीरो है… जब ये 3 साल के थे तभी उनके सगे बाप ने उन्हें छोड़ दिया। 19 साल तक ये तीन अलग-अलग सौतेले पिता के साथ रहते हुए बड़े हुए। बचपन में वे डिसलेक्सिया नामक बीमारी पीड़ित थे। ये हॉकी खिलाड़ी थे मगर एक गंभीर दुर्घटना में चोटिल होने के बाद उनका हॉकी की नेशनल टीम का सपना चकनाचूर हो गया। उनकी एक ने बेटी जन्म लेते ही मर गई और उनकी पत्नी का कार एक्सीडेंट में निधन हो गया। उनके बचपन के बेस्ट फ्रेंड रिवर फ़ीनिक्स ड्रग ओवरडोज के कारण नहीं रहे और उनकी सगी बहन को ल्यूकेमिया हो गया। उनके साथ कोई बॉडीगार्ड नहीं रहता क्योकि वो किसी को परेशान नही करना चाहते उनका कोई लग्जरी घर नहीं। वे एक साधारण से अपार्टमेंट में रहते हैं और अक्सर न्यूयॉर्क में उन्हें सबवे में यात्रा करते हुए देखा जा सकता है। जब वह फिल्म लेक हाउस की शूटिंग कर रहे थे तो उन्होंने देखा कि उनका कॉस्टयूम असिस्टेंट किसी को रोते हुए बता रहा था कि अगर उसने पैसे नहीं चुकाए तो उसका घर हाथ से निकल जाएगातो रीव्ज़ ने चुपचाप 20000 डॉलर उसके अकाउंट में ट्रांसफर करा दिए… 1997 में कुछ पत्रकारों ने देखा कि सुबह-सुबह रीव्ज़ लॉस एंजिलस में किसी बेघर इंसान के साथ मॉर्निंग वॉक कर रहे थे, और कई घंटे तक वह उसकी बात सुनते रहे बाद मे पता चला की उस इंसान के बेटे की किडनी फेल हो चुकी थी और रीव्ज़ ने उस आदमी के बेटे को अपनी एक किडनी देने का वादा कर दिया है। अपने करियर में उन्होंने मेट्रिक्स सीरीज़ से कमाए हुए लगभग 75 मिलियन डॉलर की राशि इन्होंने चैरिटी में दान कर दी है। दूसरों की सबसे ज़्यादा मदद की चाह रखने वाला ये इंसान, देखने मे नही लगता की ये अंदर से बहुत टूटा और बिखरा हुआ है। यह व्यक्ति जो सब कुछ खरीद सकता है, सब कुछ अरेंज कर सकता है; लेकिन हर सुबह उठने के बाद ये आदमी घुमने के लिए वो जगह चुनता है जिस जगह को लोग आत्महत्या के लिये चुनते है….ये वैसी जगह पर जाता है! और वहां रोज कोई ना कोई इसे मिल ही जाता है जो तकलीफ मे है जीवन को नष्ट करना देना चाहते है…! कियानू रीव्ज़ उनके लिये जी रहा है….! सैल्यूट है इस महानायक को!!!! Read More »

मुझे दहेज़ चाहिए तुम लाना तीन चार ब्रीफ़केस जिसमें भरे हो तुम्हारे बचपन के खिलौने बचपन के कपड़े बचपने की यादें मुझे तुम्हें जानना है बहुत प्रारंभ से.. तुम लाना श्रृंगार के डिब्बे में बंद कर अपनी स्वर्ण जैसी आभा अपनी चांदी जैसी मुस्कुराहट अपनी हीरे जैसी दृढ़ता.. तुम लाना अपने साथ छोटे बड़े कई डिब्बे जिसमें बंद हो तुम्हारी नादानियाँ तुम्हारी खामियां तुम्हारा चुलबुलापन तुम्हारा बेबाकपन तुम्हारा अल्हड़पन.. तुम लाना एक बहुत बड़ा बक्सा जिसमें भरी हो तुम्हारी खुशियां साथ ही उसके समकक्ष वो पुराना बक्सा जिसमें तुमने छुपा रखा है अपना दुःख अपने ख़्वाब अपना डर अपने सारे राज़ अब से सब के सब मेरे होगे.. मत भूलना लाना वो सारे बंद लिफ़ाफे जिसमें बंद है स्मृतियां जिसे दिया है तुम्हारे मां और बाबू जी ने भाई-बहनों ने सखा-सहेलियों ने कुछ रिश्तेदारों ने.. न लाना टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन लेकिन लाना तुम किस्से कहानियां और कहावतें अपने शहर के.. कार,मोटरकार हम ख़ुद खरीदेंगे तुम लाना अपने तितली वाले पंख जिसे लगा उड़ जाएंगे अपने सपनों के आसमान में.. मुझे दहेज़ में चाहिए, तुम्हारा पूरा प्यार, पूरा खालीपन, तुम्हारे आत्मा के वसीयत का पूरा हिस्सा, सिर्फ़ इस जन्म का साथ तो चाहिए ही है.. – सौरभ रामाधुन #hindipoem #hindipoetry #hindipanktiyaan

मुझे दहेज़ चाहिए तुम लाना तीन चार ब्रीफ़केस जिसमें भरे हो तुम्हारे बचपन के खिलौने बचपन के कपड़े बचपने की यादें मुझे तुम्हें जानना है बहुत प्रारंभ से.. तुम लाना श्रृंगार के डिब्बे में बंद कर अपनी स्वर्ण जैसी आभा अपनी चांदी जैसी मुस्कुराहट अपनी हीरे जैसी दृढ़ता.. तुम लाना अपने साथ छोटे बड़े कई डिब्बे जिसमें बंद हो तुम्हारी नादानियाँ तुम्हारी खामियां तुम्हारा चुलबुलापन तुम्हारा बेबाकपन तुम्हारा अल्हड़पन.. तुम लाना एक बहुत बड़ा बक्सा जिसमें भरी हो तुम्हारी खुशियां साथ ही उसके समकक्ष वो पुराना बक्सा जिसमें तुमने छुपा रखा है अपना दुःख अपने ख़्वाब अपना डर अपने सारे राज़ अब से सब के सब मेरे होगे.. मत भूलना लाना वो सारे बंद लिफ़ाफे जिसमें बंद है स्मृतियां जिसे दिया है तुम्हारे मां और बाबू जी ने भाई-बहनों ने सखा-सहेलियों ने कुछ रिश्तेदारों ने.. न लाना टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन लेकिन लाना तुम किस्से कहानियां और कहावतें अपने शहर के.. कार,मोटरकार हम ख़ुद खरीदेंगे तुम लाना अपने तितली वाले पंख जिसे लगा उड़ जाएंगे अपने सपनों के आसमान में.. मुझे दहेज़ में चाहिए, तुम्हारा पूरा प्यार, पूरा खालीपन, तुम्हारे आत्मा के वसीयत का पूरा हिस्सा, सिर्फ़ इस जन्म का साथ तो चाहिए ही है.. – सौरभ रामाधुन #hindipoem #hindipoetry #hindipanktiyaan Read More »

पर्यावरण अध्ययन के महत्वपूर्ण सवाल! जो बार बार पूछे जा रहे है। – CTET Exam 2024 EVS Important question

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