HINDI Padagogy Most Important Previous Year Questions In Hindi 2024
Hindi Pedagogy Most Important MCQ Ctet 2024 with answers in Hindi: यहां पर Ctet 2024 के लिए Hindi Pedagogy के Important Questions Answer दिए गए है जो कि Ctet के साथ साथ सभी टीचिंग Exam जैसे Uptet, Rtet ,Htetआदि के लिए बहुत लाभकारी हैं।सभी अभ्यर्थी जो जो आने वाले Ctet 2024 की तैयारी कर रहे है वे यहां पर दिए गए Hindi PedagogyMCQ with answers PDF in Hindi को अवश्य करें।ये सभी प्रश्न Ctet के पिछले वर्षो के पेपर से लिए गए है जो की आप की तैयारी को और अधिक बढ़ाएगा और आप आने वाले Ctet को आसानी से पास कर पाएंगे।
Ctet Important Questions on Hindi Pedagogy यहां पर Ctet के सिलेबस के आधार पर Hindi Pedagogy के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए जो की आने वाले Ctet 2023 में भी आ सकते है| यहां हम सीटेट पेपर 1 तथा पेपर 2 में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों के लिए हिंदी पेडगॉजी की कुछ बेहद महत्वपूर्ण सवाल शेयर कर रहे हैं जो कि हाल ही में आयोजित सीटेट परीक्षा शिफ़्टों में पूछे जा रहे प्रश्नों के आधार पर चुने गए हैं. परीक्षा में हिंदी पेडगॉजी से 15 सवाल पूछे जाएंगे ऐसे में यदि आप भी परीक्षा में शामिल होने वाले हैं तो इन 20 संभावित प्रश्नों को एक नजर जरूर पढ़ लें.
Hindi Pedagogy Most Important MCQ Ctet 2022
हिन्दी भाषा शिक्षण की विधि है
(A) अनुकरण विधि
(B) आगमन-निगमन विधि
(C) भाषा प्रयोगशाला
(D) उपर्युक्त सभी
Ans-(D)
हिन्दी भाषा शिक्षण की विधियाँ
व्याकरण अनुवाद विधि
प्रत्यक्ष विधि
द्विभाषी विधि
सैनिक विधि
व्यतिरेकी विधि
आगमन विधि
निगमन विधि
आगमन-निगमन विधि
सूत्र विधि
अनुकरण विधि
भाषा संसर्ग विधि
ध्वन्यात्मक विधि
व्याख्यान विधि
श्रुतलेखन अभ्यास विधि
रसास्वादन विधि
साहचर्य विधि
समवाय विधि
दूरस्थ शिक्षण विधि
प्रदर्शन विधि
भाषा प्रयोगशाला विधि
भाषा शिक्षण यंत्र उपकरण विधि
भाषा शिक्षण के सिद्धान्त हैं-
(A) प्रेरणा का सिद्धान्त
(B) क्रिया द्वारा सीखने का सिद्धान्त
(C) जीवन से जोड़ने का सिद्धान्त
(D) उपर्युक्त सभी
Ans-(D)
शिक्षण के सामान्य सिद्धान्त
क्रियाशीलता का सिद्धान्त
प्रेरणा का सिद्धान्त
रुचि का सिद्धान्त
पुनर्बलन का सिद्धान्त
प्रयत्न का सिद्धान्त
अभ्यास का नियम
अनुकरण का निमय
स्वाभाविकता का सिद्धान्त
लोकतांत्रिक व्यवहार का सिद्धान्त
बाल केन्द्रितता का सिद्धान्त
स्वतंत्रता का सिद्धान्त
सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार का सिद्धान्त
लिखने से पहले मौखिक कार्य का सिद्धान्त
नियोजन का सिद्धान्त
चयन का सिद्धान्त (शिक्षण उद्देश्यों का)
व्यक्तिगत विभिन्नता का सिद्धान्त
विभाजन का सिद्धान्त
बहुमुखी प्रयास का सिद्धान्त
जीवन से सम्बन्ध स्थापित करने का सिद्धान्त
बोलने व लिखने में सामंजस्य का सिद्धान्त
शिक्षण सूत्रों के प्रयोग का सिद्धान्त
आगमन विधि के रूपों की संख्या है-
(A) पाँच
(B) दो
(C) सात
(D) तीन
Ans-(B)
आगमन विधि इस विधि में सबसे पहले उदाहरण प्रस्तुत किये। जाते हैं फिर उदाहरणों की सहायता से नियमों की पुष्टि की जाती है। व्याकरण जैसे विषय को आगमन प्रणाली के माध्यम से अत्यन्त रोचक तथा सरल बनाया जा सकता है, इसमें पहले कुछ उदाहरण | छात्रों के समक्ष प्रस्तुत किए जाते हैं। छात्र उदाहरणों के आधार पर नियम खोजते हैं फिर उस नियम का परीक्षण करते हैं।
वाक्य विश्लेषण के शिक्षण हेतु उपयुक्त विधि है
(A) आगमन विधि
(B) निगमन विधि
(C) गीत-अभिनय विधि
(D) उक्त सभी
Ans-(A)
आगमन विधि के रूपों की संख्या है-
(A) पाँच
(B) दो
(C) सात
(D) तीन
Ans-(B)
वाक्य विश्लेषण के शिक्षण हेतु उपयुक्त विधि है
(A) आगमन विधि
(B) निगमन विधि
(C) गीत-अभिनय विधि
(D) उक्त सभी
Ans-(A)
अनुकरण विधि रचना के लिए उपयुक्त है
(A) शिशु स्तर पर
(B) उच्च स्तर पर
(C) प्रारम्भिक स्तर पर
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans-(C)
लेखन और उच्चारण के लिए अनुकरण विधि उपयोगी है –
(A) प्रारम्भिक स्तर पर
(B) माध्यमिक स्तर पर
(C) उच्च स्तर पर
(D) सभी स्तरों पर
Ans-(A)
अनुकरण प्रणाली इस प्रणाली के छात्रों के सामने एक आदर्श रचना को प्रस्तुत किया जाता है। छात्र उसका अनुकरण करते हुए उसे लिखने का यथेष्ट प्रयत्न करते हैं, इसमें आमतौर पर छात्रों को अपनी स्मरण शक्ति पर निर्भर रहना पड़ता है। प्रारम्भिक कक्षाओं में भाषा शिक्षण में इस प्रणाली का यथेष्ट प्रयोग कर सकते हैं। प्रथमिक स्तर पर लेखन हेतु व उच्चारण हेतु अनुकरण अत्यन्त उपयोगी है। पूर्व प्राधिमक प्राथमि लेखन हेतु अनुकरण- रूप रेखा अनुकरण, स्वतंत्र अनुकरण, प्राथमिक पेस्टोलॉजी अनुकरण, मॉण्टेसरी अनुकरण, जेकोटॉट अनुकरण (लेखन विविधियाँ अत्यन्त उपयोगी है।उच्चारण हेतु अनुकरण- इसको मौखिक अनुकरण भी कहते हैं। इसमें अध्यापक शुद्धता के साथ उच्चारण करता है तथा छात्र उसका अनुकरण करते हुए अभ्यास करते हैं।
संश्लेषण विधि में सीखाने की प्रक्रिया है-
(A) वर्ण, शब्द, वाक्य
(B) वाक्य, शब्द वर्ण
(C) शब्द, वर्ण वाक्य
(D) शब्द, वाक्य वर्ण
Ans-(A)
10.विश्लेषणात्मक विधि में प्रयोग होता है-
(A) शब्द से वर्ण
(B) वर्ण से शब्द
(C) शब्द से वाक्य
(D) वाक्य से पैराग्राफ
Ans-(A)
संश्लेषण विधि इस विधि में पहले स्वर, व्यंजन तथा मात्राओं का बोध करवाया। जाता है। वर्णों, शब्दों व वाक्यों का बोध करवाया जाता है। भाषा सीखने का तार्किक क्रम वर्ण-शब्द-वाक्य विश्लेषणात्मक विधि: इस विधि में छात्रों को पहले वर्गों तथा ध्वनियों का ज्ञान नहीं करवाया जाता है। सर्वप्रथम शब्दों और वाक्यों का ज्ञान करवाया जाता है। वाक्यों के माध्यम से शब्दों तथा वर्गों का ज्ञान करवाया जाता भाषा सीखने का मनोवैज्ञानिक क्रम वाक्य-शब्द-वर्ण
प्रस्तावना का मुख्य उद्देश्य है-
(A) उद्देश्य कथन करना
(B) प्रस्तुतीकरण करना
(C) नवीन ज्ञान ग्रहण हेतु तत्पर करना
(D) सामान्यीकरण करना
Ans-(C)
प्रस्तावना का मुख्य उद्देश्य – छात्रों के पूर्वज्ञान से नवीन ज्ञान जोड़ने के लिए तथा छात्रों को नवीन विषयवस्तु के लिए मानसिक रूप से तैयार करने के लिए प्रस्तावना तैयार की जाती है।
उपचारात्मक शिक्षण की असफलता समस्याओ के कारणो की सही पहचान पर ही निर्भर करती हे ।
भाषा शिक्षण के अंतर्गत पाठ्यपुस्तक एक साधन होता है
प्राय: हिन्दी और उनकी मातृभाषा की संरचाना में काफी अंतर होने होने के कारण हिन्दीतर भाषी बच्चे हिन्दी सीखने मे कठिनाईयो का सामना करते है ।
कहानी सुनाने से – बच्चो की कल्पना शक्ति व चिंतन शक्ति का विकास होता है
सदंर्भ एवं स्थिति के अनुसार अपनी बात कह सकना बोलना कौख्शल की महत्वपूर्ण विशेषता है
एक भाषा शिक्षक के रूप मे सबसे वडी चुनौती बहुभाषिक कक्षा मे शिक्षण के उचित रणनीतियॉ तय करना है
एक समावेशी कक्षा मे व्याकरण के नियम सिखाने से बच्चो का भाषा विकास शीघ्रता से होगा यह कथन भाषा सिद्वांत के प्रतिकूल है
भाषा के चारो कौशल सुनना , बोलन , पढना , और लिखना परस्पर अंत:संबंधित हे ।
चित्रो का उद्देश्श – अमूर्त संकल्पनाओ को समझने में सहायता करते हे ।
एक से अधिग भाषाओ का प्रयोग हमारे संज्ञानात्मक विकास मे सहायक होता है इससे बहुमुखी व्यक्तित्व का विकास होता है साथ ही साथ ज्ञान मे अभिवृदि्ध भी होती हे
प्राथमिक स्तर सपर भाषा की पाठ्य पुस्तको में ऐसेी रचनओ के स्थान देना चाहिए जो बच्चो के परिवेश से जुडी हो एवं साथ जिसमें भाषा गत पृथ्क अभिव्यक्तियां हो ।
अनुभवो का वर्णन करना , बातचीत करना एवं संवाद अदायगी करना निश्चय ही मैखिक अभिव्यकित् का विकास करने के प्रभावी तरीके है ।
भाषा सीखने के लिए समृद्ध भाषिक वातावरणकी अपनी सर्वाधिक महत्वूपर्ण भूमिका होती है भाषा कोश की जानकारी के बिना भाषा समृद्ध कदापि नही हो सकती ।
सीखने की क्षमता का आकलन हिन्दी भाषा के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है न कि काव्य सौन्दर्य की
भाषा एक नियमबद्ध व्यवस्था है ।
प्रत्येक बच्चे को उसके माता पिता विद्यालय भेजने से पहले बोलचाल , हावभाव ताथ कार्य व्यवहाकर इत्यादि जो भी सामाजिक सदाचार नैतिकता के निमय है उसमें बच्चे को प्रशिक्षित करते है ।
भाषाकी कक्षा मे एक शिक्षक बच्चो से यह अपेक्षा करते है कि उनमे बच्चो से जो प्रश्न पूछ्र जाये उसका उत्तर अक्षरश: ( बॅधे-बॅधाये) ने देकर अपितु स्वयं की मोलिक अभिवयकित मे हो ।
भाषा का प्रयोग –जीवन के विभिन्न संदर्भो में होताहै ।
22.बच्चे अपने परिवेश में स्वयं भाषा अजित करते हे अतएव यह आवश्यक है कि उन्हे ( बच्चो को ) समृद्ध भाषिक परिवेश उपलब्ध कराया जाना चाहिए ।
23.भाषा सीखने अथवा सिखाने के पीछे निहित उद्देश्य यह होता है कि विभिन्न स्थितियो में भाषा का प्रभावी प्रयोग किया जा सके।
24.भाषा के विभिन्न रूपो का प्रयोग किया जा सके एवं साथ ही साथ भाषागत व्यापक पकड होनी चाहिए यही भाषा अर्जन का उद्देश्य होता हैा
25.बच्चो की भाषा संबंधी क्रमिक प्रगति का लेखा जोखा रखना पोर्टफोलियो से ही संभव है ।
पत्र – पत्रिकाऍ भाषा सीखने में साधक का काम करती है
भाषा के व्याकरण की समझ को – सदंर्भपरक प्रश्नो के माध्यम से ऑका जाना चाहिए।
29.भाषा शिक्षण का उद्देश्य है – भाषा की बारीकिो को समझना एवं सौदर्यबोध को सम्यक रूप से समझने की क्षमता को प्रोत्साहित करना ।
बच्चो की मोखिकभाषा का सतत आकलन करने का सर्वाधिक अच्छा तरीका है – विभिन्न सदंर्भो मे बातबीचकरना ।
प्राथमिक स्तर पर भाषा सिखाने से तात्पर्य है – भाषा का पयोग सिखाना
32.घर की भाषाऔर विद्यालय की पढाई जाने वाली भाषा समान हो सकती हे पर जरूरी नही है कि समान हो ।
33.हिन्दी प्रयोग के विभिन्न रूपो को जानने के लिए सर्वाधिक उपयोगी साधन हो सकता है बाल साहित्य का विविध उपयोग ।
प्राथमिक स्तर पर बच्चो के भाषा शिक्षण संम्बन्धी प्राथमिक यह होनी चाहिए कि उनमें रचानात्मक और मैलिकता के तत्त्वो को पेाषित किया जाय ताकि उनका आंतरिक विकास हो सके ।
35.पढने का प्रारंभ – अर्थपूर्ण सामग्री से होना चाहिए ।
भाषा के बार में कौन सा कथन उचित है – नियमबद्ध
भाषा हमारे परिवेश मे बिखरी मिलती हे यहकथन किस पर लागू नही होता – भाषा प्रयोगशाला पर लागू नही होता
बच्चे कक्षा में लिखने समय वर्तनी सम्बंधी त्रुटियो करते हे एक भाषा शिक्षक के रूप् मे हमारा कर्तवय होगा कि शब्दो का सही रूप लिखते हुए बच्चो का दोनो तरह के शब्दो का अवालोकन करके अंतर पहचानने का अवसर देगे ।
39.प्राथमिक स्तर पर बच्चो को भाषा सिखाने का महत्वपूर्ण उद्देश्य यह होता हैकि वे अपनी बात को दूसरो के समझ अभिव्यक्ति करने की कुशलता का विकास कर सके ।
लिखना एक तरह की बातचीत है
कक्षा एक के बच्चे अपने घर परिवार एवं परिवेश से प्राप्त बोलचाल की भाषा के अनुभवो को लेकर ही विद्यालय आते है ।
कक्षा एक और 2 के शुरूआती समय मे पढने का प्रारंभ……… से हो और किसी….. के लिए हो – अर्थ और उद्देश्य
भाषा सोचने , महसूस करने और चीजो से जुडने का एक उत्तम साधन है।
भाषा सीखने का व्यवहारवादी दृष्टिकोण अनुकरण पर बल देता है।
बाइगोत्स्की के विचारो पर आधारित कक्षा में परस्पर अंत: क्रिया पर सबसे अधिक बल दिया जाता है ।
प्राथमिक स्तर पर बच्चो के लिए बाल साहित्य के चयन का मुख्य आधार क्या होनाचाहिए – रोचक विषय वस्तु
47.बच्चे प्रारंभ से ही बहुभाषिक होते है उनका यह कौशल अप्रस्फुट रूपसे विद्यमान रहता है ।
प्राथमिकम स्तर की पाठ्यपुस्तको का निर्माण करते समय हिन्दी भाषा के वैविघ्यपूर्ण रूप् के सम्मिलन पर विशेष ध्यान देगे ।
बच्चो में भाषा सीखने की जन्मजात क्षमता हेाती हे यह विचार चॉम्स्की से संबंधित है /।
भाषा अर्जित करने की प्रक्रिया में समाज का विर्शेष महत्व होता है ।
एक समावेशी कक्षा में भाषा शिक्षक को विविधि प्राकर की दृश्य श्रृव्य सामग्री का उपयेाग करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए
52.भाषागत आकलन की प्रक्रिया सीखने सिखाने के दौरन भी चलती रहती है
53.बाल साहित्य के सार्थक प्रयोग की पढना सीखने की प्रक्रिया मे ंसर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है
प्राथमिक स्तर पर भाषा शिक्षण का महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि बच्चे विभिन्न स्थितियो में भाषा काप्रभावी प्रयोग कर सके ।
55.बच्चे की भाषा का आकलन करने के लिए सर्वाधिक उचित तरीका यह है कि बच्चो के भाषा प्रयोग का अवलोकन कियाजाए ।
प्राथमिक स्तर पर एक भाषा शिक्षक से सर्वाधिक उपेक्षित यह हे कि कक्षा और कक्षा के बाहर बच्चो को भाषा प्रयोग करना सिखाये ।
प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने की सर्वश्रेष्ठ विधि है बच्चो को भाषा को पय्रोग करने के विविधि अवसर देना इससे बच्चो में लेखन क्षमता का विकास होगा ।
भाषा सीखने की प्रत्यक्ष विधि मातृभाषा को मध्यस्थ बनाये बिना दूसरी भाषा सीखने मे सहायक होती है। 59.खेल के दौरान विभिन्न लोगो के मेलजोल से भाषा का विस्तार होता है इसलिए भाषा शिक्षण में खेल का भी योगदान मानाजाता है ।
भाषा सीखने मे मातृ भाषा का व्याघात आंशिक रूप से होता है ।
भाषायी कौशलो के संदर्भ मे यह सत्य है कि भाषायी कौशल एक साथ सीख जाते है न कि क्रम से
भाषा विकासर के संबंध मे सहीहै – भाषा विकास व्यक्ति निरपेक्ष है।
किसी भी भाषा पर अधिकार प्राप्त करने के लिए उस भाषा का अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए
पढने की संस्कृति के विकास के क्रम में वैयक्ति पठन को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है –
समग्र भाषा पद्धिति पर आधरित कक्षा बच्चो के भाषायी विकास की स्पष्ट समझ पर बल देती है।
पहली कक्षा में प्रवेश लेने से पहले आमतौर पर बच्चे स्व अभिव्यकित् जानते है ।
67.प्राथमिक स्तर पर पढने की क्षमता का आकलन करने की दृष्टि से सबसे अधिक महत्वपूर्ण वर्णो की पहचान करना है ।
भाषा की कक्षा मे यह जरूरी है कि स्वयं भाषा शिक्षक की भाषा प्रभावी हो जिसमे बच्च्े प्रेरिक होक विभिन्न भाषायी कोशलो में पारंगत हो सके ।
प्राथमिक स्तर पर बच्चो की भाषायी क्षमताओ का विकास करने काअथ्र है भाषा अनुकरण की कुशला पर अधिकार प्राप्त करना ।
व्याकरण शिक्षण की आगमन विधि की विशेषता है- पहले उदाहरण प्रस्तुत करना । आगमन विधि व्याकरण शिक्षण की सर्वोतम विधि मानी जाती है।
भाषा सीखने का उदेदश्य प्रत्यके स्थिति मे भाषा का प्रयोग कर पाना
बच्चो के भाषायी विकास में समाज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है यह विचार किसका है – वाइगोत्सकी का
विद्यार्थियो का भाषायी विकास समग्रता से ही सके इसके लिए सबसे उपयुक्त अनुशंसा सतत एवं व्यापक आकलन की है ।
74.लिखित भाषा का प्रयोग अपनी अभिव्यक्त्ि के लिए किया जाता है। लिखित भाषा के प्रयोग द्वारा व्यक्ति अपने विचारो , भावो तथा अन्य समस्त प्रकार क्रियाकलाप को लिखित रूप् में अभिव्यक्त कर सकता है ।
भाषा की कक्षा में भाषायी खेलो का आयेाजन मुख्यत: रोचकता और जोश लाता है ।
76.किसी समावेशी कक्षा में बच्चे अपने अनुभवो के आधार पर भाषा के नियम नही बना पाते है कथन भाषा शिक्षण के सिद्धांतो के अनुकूल है।
प्राथमिक स्तर पर विद्यार्थी भाषा को जटिल और समृद्ध संरचनाऔ का ज्ञान विद्यायल में ही अर्जित करते है विद्यार्थी विद्यालय में भाषा के व्याकरण संबंधी निमयो को सीखते है तथा उनका व्यवहारिक प्रयोग करते है ।
78.कक्षा में समृद्ध भाषायी परिवेश से तात्पर्य हे कि बोलने सुनने पढने लिखने के अधिक से अधिक अवसर होना जब विद्यार्थी को भाषा सुनने बोलने को अधिक अवसर प्राप्त होगा तो वह भाषा को अच्छी तरह सीख सकेगा ।
पाठ मे आये नवीन शब्दो के अर्थ जानने के लिए शब्द के अर्थ लिखकर बताना अधिक श्रेयस्कर होता है
भाषा शिक्षण के संदर्भ मे बालक साहित्य का उद्देश्य है – बच्चो को उत्साही पाठक बनने के लिए प्रोत्साहित करना
संदर्भ में व्याकरण का शैक्षिक निहितार्थ है – व्याकरण पाठ के सदर्भ मे सिखाया जाता है पाठ विशेष में निहित व्याकरणिक तथ्यो का उल्लेख संदर्भ मे व्याकरण कहलाता हे ।
प्राथमिक स्तर परिभाषा का आकलन करने में सर्वाधिक सहायक विडियोग्राफी है
अकादमिक सत्र शुरू होने के बाद तक भी कक्षा चार के विद्यार्थियो को भाषा की पाठ्यपुस्तके उपलब्ध नही करवाई जा सकी है तो ऐसी स्थिति में शिक्षक श्रवण एवं वाचन कौशल का अभ्यास करवाते है ।
प्राथमिक स्तर पर भाषाशिक्षण का उद्देश्य हे बच्चो को अक्षरो की बनावट के प्रति सचेत करना
पढकर समझना कुशलाता का विकास करने से सबंधित हे – कहानी पर आधारिक व्याकरण समझाना आदि
प्राथमिक स्तर पर हिन्दी भाषा सिखाने लिए सर्वाधिक आवश्यक कक्षा मे प्रिन्ट समृद्ध परिवेश है
87.सुनने और लिखने की कुशलता का आकलन करने का सर्वोतम ढंग है सुनी हुई कहानी को अपने शब्दो मे लिखना
प्राथमिक स्तर पर हिन्दी की पाठय पुस्तक में हिन्दी भाषा के विविओ की प्रतिनिधि की रचनओ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है ।
भाषा सीखने ओर भाषा अर्जित करने में मूलभूत अंतर है – भाषाका उपलब्ध परिवेश ।
प्राथमिक स्तर पर बच्चो की सहज तथा स्वाभाविक मोखिक अभिव्यक्ति में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है
प्राथ्ज्ञमिक स्तर पर बच्चो का भाषा विकास सवा्रधिक रूप् से भाषिक परिवेश पर निर्भर करता है।
92.अफेजिया – इस विकास से ग्रसित बच्चे को उच्चारण करने में कठिनाई होती है
93.प्राथमिक स्तर पर शिक्षण का उद्देश्य पठन कार्य के द्वारा ज्ञानार्जन तथा आनंद अनुभूति से सक्षम बनाना है
प्राथमिक स्तर की पाठ्यपुस्तको में विषय वस्तु का फलक विस्तृत हो जिसमे समाज के सरोकार झलकते है ।
95.प्राथमिक स्तर पर लेखन कार्य मे ंविचार तत्वो को समावेश होना चाहिए ।
श्रुतलेख भाषा अकालन का सबसे कम प्रभावी तरीका है
पहली कक्षा मे चित्र बनाना भी लिखने के अंतर्गत आता है
चॉमस्की में भाषा विकास का सिद्धांत प्रतिपादित किया
99.प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने मे भाषा संबंधी बाल साहित्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण है
प्राथमिक स्तर की पाठ्यपुस्तको में कार्टून , भाषण , विज्ञापन आदि बच्चो के भाषा क्षमता विकास में सहायक है ।
विद्यालय मे भाषा शिक्षण के लिए कोई कार्यक्रम शुरू करते समय महत्वपूर्ण है-बच्चो की सहज भाषायी क्षमता को पहचानन है
किसी विषय को सीखने से मतलब है उसकी अवधारणो को सीखना उसकी विषय वस्तु को सीखना ।
Test yourself
प्राथमिक स्तर पर कौन सा भाषा शिक्षण का उद्देश्य है –
a. स्पष्टया एव आत्मविश्वास के साथ अपनी बात कहना
b. ध्वनी संकेत चिन्ह का संबंध बनाना
c. विभिन्न संदर्भो में भाषाका प्रभावी प्रयोग करना ना कि वर्णमाला को क्रम से कठस्थ करवाना
भाषा के अभिव्यक्तितात्म्क कौशल है –
a). लिखना b ) बोलना
भाषा की पाठ्यपुस्तक का निर्माण करते समय –
a. अभ्यासो मे वैध्यि
b. विषय वस्तु में वैविध्य
c. भाषा की विभिन्न छटाएं –
भाषा सीखने सिखाने एवं आकलन के तरीको के अतंगत महत्वपूर्ण बाते –
The owner of this student aid portal www.supremetutorials.in Mr, Aniket Gupta also well known as Vikrant Sir is a well educated and versed author and writer of technical topics. He is M.tech in computer science of Engineering and have interest in AI and ML things as per todays scenario. He has served in many Government organizations like RRB-JE,PGCIL,ISRO HSFC, as well as Associate professor in Government engineering college.
They love to write on IOT(internet of things), Artificial Intelligence, Machinne learning, Data Science and other tech topics.
8 thoughts on “HINDI Padagogy Most Important Previous Year Questions In Hindi 2024”
I’m really enjoying the theme/design of your site. Do you ever run into any web browser
compatibility issues? A small number of my blog readers have complained about my website not operating correctly in Explorer
but looks great in Chrome. Do you have any tips to help
fix this issue?
Its like you read my mind! You appear to know a lot about this, like you wrote the book in it or something. I think that you can do with some pics to drive the message home a bit, but instead of that, this is fantastic blog. A fantastic read. I’ll certainly be back.
Hey! Someone in my Myspace group shared this site with us so I came
to take a look. I’m definitely enjoying the information. I’m book-marking and will be tweeting
this to my followers! Terrific blog and fantastic style and design.
E2Bet adalah situs judi online terbesar di Indonesia, menawarkan platform permainan yang aman, terpercaya, dan inovatif, serta bonus menarik dan layanan pelanggan 24/7.
#E2Bet #E2BetIndonesia #Indonesia
I’m really enjoying the theme/design of your site. Do you ever run into any web browser
compatibility issues? A small number of my blog readers have complained about my website not operating correctly in Explorer
but looks great in Chrome. Do you have any tips to help
fix this issue?
Its like you read my mind! You appear to know a lot about this, like you wrote the book in it or something. I think that you can do with some pics to drive the message home a bit, but instead of that, this is fantastic blog. A fantastic read. I’ll certainly be back.
Hey! Someone in my Myspace group shared this site with us so I came
to take a look. I’m definitely enjoying the information. I’m book-marking and will be tweeting
this to my followers! Terrific blog and fantastic style and design.
E2Bet adalah situs judi online terbesar di Indonesia, menawarkan platform permainan yang aman, terpercaya, dan inovatif, serta bonus menarik dan layanan pelanggan 24/7.
#E2Bet #E2BetIndonesia #Indonesia
This paragraph will help the internet visitors for setting
up new weblog or even a blog from start to end.
I don’t think the title of your article matches the content lol. Just kidding, mainly because I had some doubts after reading the article.
Your article helped me a lot, is there any more related content? Thanks!
Your article helped me a lot, is there any more related content? Thanks!